प्रतिमा | जिला | राज्य | स्थापना | अनावरण |
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1. सरलाई | चित्तौड़गढ़ | राजस्थान | 18/08/2021 | 21/08/2021 |
2. विजयपुर | चित्तौड़गढ़ | राजस्थान | 18/03/2021 | 19/01/2022 |
3. खारपा खुर्द | झालावाड़ | राजस्थान | 01/02/2022 | 06/02/2022 |
4. सुनेल | झालावाड़ | राजस्थान | 03/05/2022 | 10/05/2022 |
5. भादवा माता | नीमच | मध्यप्रदेश | 09/05/2022 | 13/05/2022 |
6. हनुमंतिया | मंदसौर | मध्यप्रदेश | 15/07/2022 | 13/09/2022 |
7. सोलंकियो का खेड़ा | भीलवाड़ा | राजस्थान | 07/05/2023 | 27/05/2023 |
8. तरसाडी | सूरत | गुजरात | 20/10/2023 | 24/10/2023 |
9. कन्नौज | चितौड़गढ़ | राजस्थान | 11/01/2024 | 11/02/2024 |
10. खातेगांव | देवास | मध्यप्रदेश | 11/06/2023 | 25/02/2024 |
11. फतेहगढ़ | फर्रुखाबाद | उत्तर प्रदेश | 05/05/2024 | 18/05/2024 |
12. वापी | वलसाड | गुजरात | 16/03/2024 | 11/08/2024 |
13. सरवानिया महाराज | नीमच | मध्यप्रदेश | 05/02/2024 | 26/08/2024 |
14. पटियार | चितौड़गढ़ | राजस्थान | 25/08/2023 | 05/09/2024 |
15. बिरधोल | भीलवाड़ा | राजस्थान | 11/09/2023 | 05/09/2024 |
16. कनेरा | चित्तौड़गढ़ | राजस्थान | 09/06/2023 | 05/09/2024 |
17. कोट्टापकोंडा | पालनाडू | आंध्रप्रदेश | 13/11/2023 | 17/11/2024 |
18. खजूरीनाग | मंदसौर | मध्यप्रदेश | 18/08/2023 | |
19. देवगढ़ | राजसमंद | राजस्थान | 19/02/2024 | |
20. भरतपुर शहर | भरतपुर | राजस्थान | 03/08/2023 | |
21. सतलेवा (शिसौदा) | राजसमंद | राजस्थान | 10/05/2024 | |
22. सावलदे (शिरपुर) | धुले | महाराष्ट्र | 15/08/2024 | |
23.मोखमपुरा | प्रतापगढ़ | राजस्थान | 29/08/2024 |
हमारी संस्था पूरे भारतवर्ष में महाराणा प्रताप की वीरगाथा यात्रा निकाल रही है. जो अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी यात्रा है । जिसकी कुल लंबाई 15,000 किलोमीटर है । इस यात्रा को हमने दो चरणों में विभाजित किया है, जिसके प्रथम चरण में हम संपूर्ण राजस्थान की यात्रा निकालेंगे एवं द्वितीय चरण में संपूर्ण भारत की यात्रा निकालेंगे
प्रथम चरण की कुल लंबाई 3000 किलोमीटर होगी और द्वितीय चरण की कुल लंबाई 12000 किलोमीटर होगी । यात्रा का प्रथम चरण हमने पूरा कर लिया है और उस प्रथम चरण की यात्रा का प्रारंभ हमने महाराणा प्रताप की पुण्यस्थली चावंड, उदयपुर से 16 जून 2018 को किया था एवं इस यात्रा के प्रथम चरण का समापन महाराणा प्रताप की जन्मस्थली कुंभलगढ़ राजसमंद में किया था । यात्रा के दौरान हम महाराणा प्रताप एवं अन्य वीर पुरुषों से जुड़ी हुई पावन भूमि पर पहुंचे एवं उस पावन भूमि को नमन करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ । इस यात्रा के दौरान हमें जगह जगह पर लोगों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ । यह यात्रा 17 दिन की थी एवं हमारे साथ 50 सदस्य दल था । यह यात्रा एक वाहन रैली के रूप में थी एवं हमारे साथ महाराणा प्रताप का रथ भी था, जिसमे महाराणा प्रताप की आदमकद मूर्ति हमारे साथ थी ।
इस यात्रा में हमारा रात्रि विश्राम जहां पर भी होता वहां पर हम लोगों को भारतीय इतिहास की सही जानकारी 10 * 16 feet साइज की एलईडी स्क्रीन पर वीरगाथाओं के द्वारा दिखा रहे थे । हमारी इस यात्रा का मूल उद्देश्य भारत के खोते हुए इतिहास को बचाना एवं सामाजिक समरसता है । इसी उद्देश्य को सार्थक करते हुए जो हमारा 50 सदस्य दल था, उसमें सभी जाति और समाज के लोग सम्मिलित थे । हमारी यात्रा के स्वागत करने में भी सभी समाज के लोग सम्मिलित सम्मिलित थे । यात्रा का दूसरा चरण जल्द ही प्रारंभ होगा और पूरे भारतवर्ष में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा पूरी करेगा सर्वप्रथम यात्रा गुजरात के नागेश्वर ज्योतिर्लिंग पर जाएगी वहां से सोमनाथ – महाकालेश्वर – ओमकारेश्वर – घृष्णेश्वर – भीमाशंकर – त्रंबकेश्वर – रामेश्वरम – वैद्यनाथ – काशी विश्वनाथ होते हुए केदारनाथ पहुंचेगी ।यात्रा के दौरान हम महाराणा प्रताप एवं अन्य वीर पुरुषों से जुड़ी हुई पावन भूमि पर पहुंचे एवं उस पावन भूमि को नमन करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ । इस यात्रा के दौरान हमें जगह जगह पर लोगों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ । यह यात्रा 17 दिन की थी एवं हमारे साथ 50 सदस्य दल था । यह यात्रा एक वाहन रैली के रूप में थी एवं हमारे साथ महाराणा प्रताप का रथ भी था, जिसमे महाराणा प्रताप की आदमकद मूर्ति हमारे साथ थी ।
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