रॉयल ग्रामीण विकास समिति की स्थापना फरवरी 2013 में हुई थी जिसका पंजीकरण जिला बूंदी राजस्थान द्वारा किया गया है । समिति अपनी स्थापना के प्रथम दिवस से ही जनकल्याण एवं ग्रामीण विकास के कार्य कर रही है । जिसमें गर्मी के मौसम में आमजन एवं जानवरों के लिए प्याऊ लगाकर पानी की व्यवस्था कराना,क्षेत्र की स्वच्छता के लिए कार्य करना एवं वृक्षारोपण के कार्य करना सम्मिलित है।
अभियान के अंतर्गत संपूर्ण भारत में महाराणा प्रताप एवं अन्य वीर पुरुषों की 100 प्रतिमाएं स्थापित करना एवं सभी जगहों को पवित्र स्थल के रूप में विकसित करना
अभियान के अंतर्गत गोडावण (राज्य पक्षी – राजस्थान) की सुरक्षा एवं संरक्षण का कार्य करना
अभियान के अंतर्गत राजस्थान के समस्त पंचायत राज जनप्रतिनिधियों को उनकी संबंधित जिला परिषद में राजस्थान पंचायत राज कानूनकी संपूर्ण नियमावली की जानकारी एवं उनके अधिकार तथा कार्य क्षेत्रों की जानकारी प्रदान करना सभी जनप्रतिनिधियों को पंचायत राज में मौजूद किताबों का वितरण करना
अभियान अभियान के अंतर्गत जिला बूंदी राजस्थान की बंजर भूमि में बायोफ्यूल (रतनजोत एवं करन्ज) के पौधारोपण का प्रस्तावित कार्य
पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रदूषण बढ़ रहा है जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण बन रहा है । वृक्षारोपण पर्यावरण की वर्तमान स्थिति को सुधारने में मदद करेगा और यह पर्यावरण से प्रदूषण को कम करेगा ।
सरकार की भूमि और संसाधनों का उपयोग करने के लिए 100 हेक्टेयर में वृक्षारोपण एक आदर्श विकल्प है। यह एक अग्रणी परियोजना होगी जो अन्य पंचायतों को प्रेरित करेगी । इस वृक्षारोपण में अन्य उत्पादक पौधों के साथ जैव ईंधन संयंत्र शामिल हैं जो आय का स्रोत होंगे और समिति की इस आय का उपयोग सामाजिक और राष्ट्र विकास के लिए किया जाएगा ।
वृक्षारोपण 1 से 3 वर्ष में किया जाएगा, लेकिन राजस्व सृजन 4 वें से 5 वें वर्ष तक शुरू होगा, इसलिए RSRD को वृक्षारोपण की देखभाल के लिए सरकार या अन्य वित्तपोषण संगठनों से धन की आवश्यकता होगी । एक बार जब पौधे बीजों या फलों के रूप में राजस्व देना शुरू कर देंगे, तो समिति सरकार को लीज राशि का भुगतान करेगी और बाकी राशि का उपयोग अन्य सामाजिक परियोजनाओं के लिए किया जाएगा ।
इस वृक्षारोपण में हम हाइब्रिड पौधों की नवीनतम गुणवत्ता और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके खेती करेंगे जो सभी उपलब्ध संसाधनों (भूमि, जल, धन, पौधे, श्रम, आदि) के अधिकतम उपयोग में मदद करेगा ।
हर साल 1000 पेड़ों का रोपण (जैव ईंधन प्लांटेशन के अलावा) || हर छह महीने में रक्तदान शिविर || प्रत्येक छह महीने में नेत्र जांच शिविर || हर साल एथलीट प्रतियोगिता
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